
ग्रोट मार्केट (डच) अथवा ग्रैंड प्लेस(फ्रेंच) बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्स का केंद्रीय मार्केट स्क्वेयर है। इसके इर्द-गिर्द भवन, टाउन हाल व ब्रेड हाउस है। यह स्क्वेयर यूरोप के सर्वाधिक खूबसूरत टाउन स्क्वेयर में से एक है।
स्पेन के सम्राट की पुत्री आर्च डचेस इसाबेला अपनी ब्रसल्स यात्रा के दौरान 5 सितम्बर, 1599 ई को लिखती है-” मैंने शहर के टाउन स्क्वेयर, जहां पर टाउन हाल आकाश को छूता दिखाई देता है, जैसा सुंदर और चित्ताकर्षक स्थान पहले कभी नहीं देखा। घरों की सजावट अद्वितीय है। ”
पृष्ठभूमि-
सत्रहवीं सदी में निर्मित ब्रसल्स का ग्रैंड प्लेस भव्य, निजी तथा सार्वजनिक भवनों का समूह है। यहाँ महत्त्वपूर्ण राजनैतिक तथा व्यावसायिक केंद्र की स्थापत्यशैली में तत्कालीन सामाजिक, सांस्कृतिक जीवनस्तर की झलक स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।
इसको इस क्षेत्र की सामाजिक सांस्कृतिक विशेषताओं, जिनमें कलात्मक जीवनशैली,उच्चकोटिकी स्थापत्य शैली के सम्मिश्रण तथा सिद्धांतों के संरक्षण के लिए विश्वविरासत घोषित किया गया है। अपने उत्कर्ष काल में यह उत्तरी यूरोप के विकसित व्यावसायिक नगर के विकास तथा उपलब्धियों का जीवंत प्रमाण है।
मूलतः ग्रैंड प्लेस सेन नदी से निकलने वाले दो झरनों के बीच रेतीली भूमि था। लोगों ने रेतीली ज़मीन को ठीक-ठाक कर के लोअर मार्केट स्थापित कर दी। बारहवीं सदी के आते-आते ब्रसल्स ब्रग्स,कोलोन तथा फ्रांस के बीच व्यापारिक मार्ग बन गया। अंग्रेज़ी ऊन, फ्रेंच शराब तथा जर्मन बीयर मार्केट में तथा बन्दरगाह में बिकने लगी।
मध्यकाल के आरंभ में यहाँ पर लकड़ी के छोटे-छोटे घर बन गए। बाद में 14वीं शताब्दी में सम्पन्न-समृद्ध कुलीन परिवारों ने पत्थरों से बड़ी-बड़ी हवेलियों का निर्माण शुरू कर दिया। शीघ्र ही यह मार्केट नगर का प्रमुख वाणिज्यिकी तथा प्रशासनिक केंद्र बन गया। प्रारम्भ में ग्रैंड प्लेस 15वीं तथा 17वीं शताब्दी के मध्य विभिन्न स्थापत्यशैलियों में निर्मित भवनों का घालमेल था।
विशिष्ट दर्शनीय स्थल-
टाउन हाल-
इसका निर्माण 1402-1455 के बीच हुआ था। बास्तुकार जैकब- वन- थिनेन थे। गोथिक शैली में निर्मित टावर का डिजाइन जन-वन-रुस्ब्रोक ने किया था। टावर के 97 मीटर ऊंचे शिखर पर ब्रसल्स के संरक्षक सेंट माइकेल की प्रतिमा स्थित है। टाउन हाल के निर्माण के बाद ग्रैंड प्लेस का नगर के केंद्र में वाणिज्यिकी का योजनाबद्ध रूप से विस्तार हुआ। आसपास की गलियों में अभी भी पुराने समय की झलक दिखाई देती है। गलियों के नाम मक्खन,पनीर, मछली, कोयला बेचने वालों के नाम पर हैं।
ब्रेड हाउस-
टाउन हाल के सामने नवगोथिक शैली में निर्मित ‘ब्रेड हाउस’ है। अब इसमे ऐतिहासिक सिटी म्यूज़ियम है। डच नाम ‘ब्रेड हाउस’ से ही इस स्थान की पृष्ठभूमि की कल्पना की जा सकती है। तेरहवीं सदी में यहाँ पर एक लकड़ी के घर में बेकरी वाले ब्रेड बेचते थे। 1405 ई में लकड़ी से बने मूल ‘ब्रेड हाल’ के स्थान पर पत्थर की इमारत बन गयी।बेकरों ने अपना सामान घर-घर जा कर बेचना शुरू कर दिया। उस समय ब्रबंट के ड्यूक ने इस इमारत में प्रशासनिक कार्यालय स्थापित कर दिया। डची पर हैप्सबर्ग ने अधिकार कर लिया था। ड्यूक का यह घर ‘किंग’स हाउस’ बन गया था। अब यह इमारत ‘किंग’स हाउस’ के नाम से जानी जाती है। सम्राट चार्ल्स के शासनकाल में 1515-1536 के बीच ‘किंग’स हाउस’ का गोथिक शैली में पुनर्निर्माण करवाया गया था।
ब्रबंट के ड्यूक्स का घर-
House of the Dukes of Brabant ग्रैंड प्लेस में सात भवनों का समूह है। यह ‘ब्रबंट के ड्यूक्स का घर’ कहलाता है। प्रत्येक भवन की पहली मंज़िल की खिड़की के नीचे ड्यूक की प्रतिमा स्थित है। देखा जाए तो यहाँ पर कभी कोई ड्यूक अथवा राजा नहीं रहा। घरों के नाम भी अतीव रोचक हैं- The Fame,The Hermit,The Fortune, The Windmill,The Tinpot, The Hill, The Beurs। इन घरों को सामूहिक रूप में ड्यूक्स का घर कहा जाता है। सभी घरों का निर्माण मध्यकाल में नहीं हुआ था। कुछ घर तो सदैव निजी संपत्ति रहे। मध्यकाल तथा उसके बाद प्रत्येक नगर संघ अथवा निगम केअंतर्गत होते थे। इनकी प्रशासन में भागीदारी होती थी। इन के सदस्य अत्यधिक सम्पन्न तथा राजनैतिक रूप से प्रभावशाली होते थे। वे अपने घरों में नियमित रूप से एक साथ बैठकर व्यापार अथवा वाणिज्य संबंधी नियमों-विनियमों पर चर्चा करते थे।
बमबारी-
13 अगस्त 1695 ई को ड्यूक ऑफ विलेराय,मार्शल फ्रांसिस-द-न्यूफिले के नेतृत्व में 70,000 सैनिकों की फ्रेंच सेना ने फ्रेंच अधिकृत नमूर (अब दक्षिण बेल्जियम) से लीग ऑफ आग्स्बर्ग की सेनाओं को खदेड़ने के लिए ब्रसल्स पर आक्रमण कर दिया। फ्रेंच सेनाओं ने असहाय नगर केंद्र पर तोपों और गोलों से भारी बमबारी की, आग लगा दी। ग्रैंड प्लेस तथा आसपास के क्षेत्र को मिट्टी में मिला दिया। वैसे तो टाउन हाल प्रमुख निशाना था लेकिन 4,000 से ज़्यादा घर जल कर राख़ हो गए थे। टाउन हाल का पत्थर से बना कुछ भाग व अन्य कुछ इमारतों का नाममात्र का हिस्सा बच पाया था।
नव निर्माण-
विनाश के बाद अगले चार वर्षों में अनेक संगठनों ने मिलकर नगर का पुनर्निर्माण करवाया। उनके काम में नगर के काउंसिलर्स व ब्रसल्स के गवर्नर ने साथ दिया। इस के लिए संगठनों को अपनी योजना को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर सहमति लेनी आवश्यक थी। परिणामस्वरूप ग्रैंड प्लेस का निर्माण योजनाबद्ध रूप से हुआ। प्रत्यक्ष में विरोधी स्थापत्य शैलियों-गोथिक,बराक तथा लुई चौदह शैली के होते हुए भी तालमेल बेहतर था।
19वीं सदी में पुनर्निर्माण-
बेल्जियन वासियों द्वारा स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए किए गए कड़े संघर्ष के बाद अंततः 1830 ई में डच सम्राट विलियम प्रथम ने बेल्जियन क्षेत्र छोड़ दिया। 1831 ई में बेल्जियन सम्राट लियोपोल्ड सिंहासन पर बैठे। ब्रसल्स को स्वतंत्र बेल्जियम की राजधानी बनाया। ब्रसल्स नगर के पुनर्निर्माण का कार्य आरंभ हुआ। नए भवन निर्मित किए गए। दीवारें तोड़ कर नगर का विस्तार किया गया।
1860 ई में ब्रसल्स के मेयर ने जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े पुराने ‘किंग’स हाउस’ को खरीदने के लिए नगर अधिकारियों को तैयार कर लिया। पुरानी बिल्डिंग का पुनर्निर्माण करवाया गया। निर्माण तत्कालीन फैशनेबुल नयी गोथिक शैली में हुआ।
नवनिर्माण के उपरांत इस के ऐतिहासिक संरक्षण के चैंपियन के रूप में चार्ल्स बुल्स उभर कर सामने आए। 1881ई में उन्होने ब्रसल्स के मेयर का पदभार संभाला तथा 1899 ई तक पद पर बने रहे। उनकी अंतिम उपलब्धि थी लियोपोल्ड द्वितीय की आडंबरपूर्ण निर्माण योजनाओं का विरोध तथा ब्रसल्स के पुरातन भागों का संरक्षण। बुल्स ग्रैंड प्लेस के कट्टर समर्थक थे। उन्होने 1883 ई में पारित अधिनियम के माध्यम से ग्रैंड प्लेस के बाहरी भाग के संरक्षण तथा जीर्णोद्धार के लिए आवश्यक धन उपलबद्ध करवाया। यह काम 1883-1923 ई के बीच सम्पन्न हुआ। 1887 ई में किंग’स हाउस में सिटी म्यूज़ियम स्थापित किया गया। यहाँ पर टाउन हाल की मूल प्रतिमाएँ, दीवारों की टेपस्ट्री तथा नगर से सम्बद्ध शिल्पाकृतियाँ संग्रहीत हैं। 1899 ई में ब्रसल्स के नवनिर्माण में सम्मिलित प्रमुख वास्तुशिल्पियों ने नवनिर्मित भवन L’Etoile पर बुल्स की स्मृति में विक्टर ह्युगो द्वारा डिजाइन किया गया तथा विक्टर रूसो द्वारा निर्मित स्मारक स्थापित किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम-
ग्रैंड प्लेस ब्रसल्समें आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों के विशिष्ट आकर्षण का केंद्र है। यहाँ पर पूरा वर्ष नृत्य-संगीत व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। इनमें प्रमुख हैं- वार्षिक उत्सव ‘ओमेगंग’ तथा द्विवर्षीय फूलों का कालीन
ओमेगंग-
जुलाई मास के पहले रविवार को ग्रैंड प्लेस में रंग-बिरंगे परिधानों में सज-धज कर शोभायात्रा निकाली जाती है। 1549 ई में चार्ल्स पंचम, उसके पुत्र डॉन फिलिप, बहिनों-फ्रांस की साम्राज्ञी, आस्ट्रिया की एलियेनोर तथा हंगरी की मेरी के स्वागत में पहली बार शोभायात्रा निकाली गयी थी । उसके बाद से यह उसकी ऐतिहासिक पुनरावृत्ति है। ओमेगंग का वर्णन 1359 ई में भी मिलता है परंतु उस समय यह शोभायात्रा धार्मिक होती थी। अब यह धार्मिक न हो कर केवल लोकप्रथाओं पर आधारित है।
फूलों का कालीन-
प्रत्येक दो वर्ष में ग्रैंड प्लेस को फूलों के कालीन से सजाया जाता है। 300 वर्ग मीटर क्षेत्र को 80,000 ताज़ा बेगोनिया के फूलों से ढक दिया जाता है। वह स्थान सुंदर, कोमल कालीन की तरह मनमोहक दिखाई देता है। कलाकार घास से ढकी ज़मीन पर साँचों से केवल चार घंटे में खूबसूरत डिजाइन बना देते हैं। गर्मी होने के कारण घास में पहले पानी देना पड़ता है। गीली ज़मीन होने के कारण चार दिन में ही कई से. मी घास उग आती है। यह लैंडस्केप आर्किटेक्ट ई.स्टोटेमन्स के दिमाग की उपज थी। 1971 ई में उसने पहली बार फूलों का कालीन बनाया था। वास्तव में वह अपने साथियों के साथ वेस्ट इंडीज में उगने वाले खूबसूरत बेगोनिया के फूलों को लोकप्रिय बनाना चाहता था। 1860 ई में घेंट के समीप इन फूलों को उगाया जा रहा था। उस पहले कालीन ने ही दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिर क्या था? हर दो साल बाद ग्रैंड प्लेस में फूलों का कालीन बिछ जाता है। इस अवसर पर पर्यटक भी भारी संख्या में मौजूद रहते हैं।
बेल्जियम यूरोप में नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर देश है। ग्रैंड प्लेस के अतिरिक्त भी वहाँ पर देखने के लिए बहुत कुछ है। बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्स पूरे विश्व के साथ हवाई मार्ग से जुड़ी है।
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प्रमीला गुप्ता